शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति: बिहार सरकार की उपलब्धियाँ जनहित की दिशा में मील का पत्थर

शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति: बिहार सरकार की उपलब्धियाँ जनहित की दिशा में मील का पत्थर

शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति: बिहार सरकार की उपलब्धियाँ जनहित की दिशा में मील का पत्थर

गया । बिहार में विगत 20 वर्षों के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। शिक्षा बजट में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के साथ-साथ शिक्षकों की संख्या में भी निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्ष 2005 में जहाँ बिहार में शिक्षकों की संख्या मात्र 2,25,000 थी, वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 6,49,131 तक पहुँच चुका है। यह मात्र आँकड़े नहीं, बल्कि राज्य सरकार की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और सुशासन के मजबूत इरादों का प्रमाण हैं।
वर्ष 2005 में बिहार का शिक्षा बजट मात्र 4,366 करोड़ रुपये था, वहीं 2025 में यह बढ़कर 60,964 करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि दर्शाती है कि राज्य सरकार शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावी माध्यम मानती है। जदयू व्यवसाय एवं उद्योग प्रकोष्ठ, गया जिला अध्यक्ष श्री प्रकाश राम पटवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में राज्य सरकार जन सरोकारों को प्राथमिकता देते हुए समग्र विकास की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था ही विकसित बिहार की आधारशिला है और इसके लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। श्री पटवा ने आगे कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में यह विकास न केवल राज्य की नई पीढ़ी के भविष्य को संवार रहा है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग में विश्वास एवं समर्पण की भावना को भी सुदृढ़ कर रहा है।