गरमी हम ही लेकर आये हैं
पालिटिक्स की प्राइम डिबेट अब इस लेवल पर गयी है। या तो हमारा क्रेडिट है, हम लेकर आये हैं या फिर नेहरुजी जिम्मेदार है।

एक नेता के साथ बैठा हुआ था,बहुत ही तेज गरमी पड़ रही थी, मैंने सहज ही कह दिया-बहुत ही गर्मी है।
आदतन नेता ने कह दिया कि यह तो हम ही लेकर आये हैं।
मैंने कहा –भाई यह तो कष्ट दे रही है।
तो फिर आदतन नेता ने कहा-फिर समझें कि धूप के लिए नेहरुजी जिम्मेदार हैं।
यह विकट आफत है धूप की जिम्मेदारी भी नेहरुजी पर डाली जा सकती है।
सभी जिम्मेदारी नेहरुजी की ही है, तो हमारी जिम्मेदारी क्या है जी। यह बात भी नेहरुजी ही बतायेंगे।
पालिटिक्स की प्राइम डिबेट अब इस लेवल पर गयी है। या तो हमारा क्रेडिट है, हम लेकर आये हैं या फिर नेहरुजी जिम्मेदार है। मुझे डर है कि कहीं पाकिस्तान वाले भी अपनी बदहाली की जिम्मेदारी नेहरु पर डाल दें। पाकिस्तान में बदहाली कई लेवल की है। पाक के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी को छोड़कर नेता जा रहे हैं। उनसे उनकी पार्टी की बदहाली की वजह पूछें, तो वह कह सकते हैं कि नेताओं को छोड़कर जाने की वजह भारत है। भारत में कैफी आजमी कई दशक पहले यह गाना लिख गया थे-बिछड़े सभी बारी बारी। इमरान खान कुछ भी कह सकते हैं। पाकिस्तान में लगभग हर बदहाली की वजह भारत के खाते में डाली जा रही है। पाकिस्तानी आर्मी अपना बजट बढ़ाये जाती है, आम पब्लिक के लिए बचता ही बहुत कम है। पाकिस्तानी आर्मी कहती है कि इसकी जिम्मेदारी इंडिया की है, इंडिया की आर्मी अपना खर्च बढ़ाती है, तो हमें भी बढ़ाना पड़ता है। इंडियन आर्मी युद्ध जीतती है, इस बात को पाकिस्तानी आर्मी फालो नहीं करती है। पाकिस्तान में नेता और आर्मी अफसर सऊदी अरब के हुक्मरानों को फालो करते हैं, रोयल लाइफ स्टाइल के मामले में। और पाकिस्तान में जनता से कहा जाता है कि युगांडा की पब्लिक की लाइफ स्टाइल फालो करें। पाकिस्तानी पब्लिक अगर चूं चां करती है, तो उसे बताया जाता है कि लेकर रहेंगे कश्मीर। पाकिस्तानी आर्मी यह ना बताती कि कश्मीर लेकर पाकिस्तानवाले करेंगे क्या। पाकिस्तान को 1947 में पूर्वी पाकिस्तान मिला था, जिसे आज हम अलग देश बंगला देश के तौर पर जानते हैं। पाकिस्तान को जो मिला था, उसे नहीं संभाल सका। पर और चाहिए। पाकिस्तान का हाल उस नालायक बच्चे जैसा है, जो अपने पुराने खिलौने तोड़ देता है, और नये खिलौने के लिए रोता रहता है। धीमे धीमे हाल यह हो गया है कि पाकिस्तान रोता ही रहता है और अब दुनिया उस पर ध्यान नहीं दे रही है। पाकिस्तान को इंटरनेशनल मानीटरी फंड लोन नहीं दे रहा है, पाकिस्तान रो रहा है कि हाय लोन नहीं मिल रहा है। पाकिस्तान कमाल का मुल्क है, लोन को वह अपना मानवाधिकार मानता है। यह एक किस्म की मानसिक बीमारी है, जैसे लड़कियों को छेड़नेवाले अपनी हरकत को अपना अधिकार मानते हैं।
वैसे यह बात एक तरह से गलत भी नहीं है कि पाकिस्तान की बदहाली की जिम्मेदारी भारत की ही है, क्योंकि अगर पाकिस्तान भारत से अलग ना हुआ होता, तो पाकिस्तान की बदहाली इतनी ना होती।
नेहरुजी कितनी कितनी जिम्मेदारी लें। सेंगोल के संसद में आने का एक तर्क भी यही रखा गया था-नेहरुजी ने सेंगोल को लिया था। नेहरुजी की बाद की स्थितियों की जिम्मेदारी नेहरुजी पर डाली जा सकती है, पर मैं डर रहा हूं कि कहीं यह ना हो जाये कि चोल साम्राज्य की नाकामी की वजह भी नेहरुजी पर ना डाल दी जाये।