बेमिसाल रहा पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल के दो माह का कार्यकाल

चाईबासा से ज्योति पाठक कि रिपोर्ट
चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम के नवनियुक्त उपायुक्त अनन्य मित्तल के दो माह का कार्यकाल बेमिसाल रहा है। काफी कम अवधि में ही उन्होंने विकास की नई लकीरें खींच दी है। शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में विकास के नए आयाम स्थापित करने में वे सफल रहे हैं। श्री मित्तल ने जब से उपायुक्त के पद पर पदभार संभाला है, तबसे जिले में प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो गई है। उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में उनके मातहत अधिकारियों की कुशल और अनुभवी टीम जनहित में कई कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में जुटी है। श्री मित्तल का मानना है कि बेहतर कार्यशैली के बलबूते जनहित के कार्यों को गति देने में हम सफल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी सरकार और जनता के बीच सेतु का काम करते हैं। इस दिशा में प्रशासनिक अधिकारियों को सजग रहते हुए कार्य करने की आवश्यकता है।
श्री मित्तल की उत्कृष्ट कार्यशैली से पश्चिम सिंहभूम जिले में विकास की गति तेज हुई है। इस दौरान जनहित में कई कल्याणकारी योजनाओं को गति देने में वे सफल रहे हैं। जनसमस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए सतत प्रयासरत रहना श्री मित्तल की दिनचर्या में शुमार है।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देने के प्रति श्री मित्तल की सक्रियता देखते ही बनती है। उनका मानना है कि कोरोना से जंग जीतने में टीकाकरण काफी कारगर हथियार है। इसलिए वैक्सीनेशन जरूरी है। श्री मित्तल ने अपने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन को प्राथमिकता देते हुए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की गति बढ़ाने की दिशा में भी कदम उठाया है। इसका सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है। ग्रामीणों के बीच टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने की दिशा में भी वह सफल रहे हैं। इससे काफी हद तक कोरोना पर नियंत्रण पाने में सफलता मिली है।
श्री मित्तल का मानना है कि वैश्विक महामारी से बचाव के लिए सरकारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इस दिशा में भी अधिकारियों को उन्होंने निर्देशित करते हुए लॉकडाउन के दौरान जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। श्री मित्तल जहां भी पदस्थापित रहे, अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से विशिष्ट पहचान स्थापित करने में सफल रहे हैं। पश्चिम सिंहभूम में श्री मित्तल का कार्यकाल अभी मात्र दो महीने का ही पूरा हो पाया है। इस बीच उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की है, जो मील का पत्थर के रूप में बन गई हैं। सरकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने और उसका शत-प्रतिशत लाभ लाभुकों को दिलाने के प्रति उनकी तत्परता की चहुंओर सराहना की जा रही है। श्री मित्तल कहते हैं कि सरकार और जनता के बीच समन्वय स्थापित कर बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित कराने के प्रति अधिकारियों को सदैव तत्पर रहना चाहिए। इससे एक ओर सरकार की छवि सकारात्मक बनती है, वहीं, दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति जनता का विश्वास बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करने में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। इस दिशा में प्रशासनिक अधिकारियों को सदैव सजग रहते हुए कार्य करने की जरूरत है। श्री मित्तल के उत्कृष्ट कार्यशैली से पश्चिम सिंहभूम की जनता काफी संतुष्ट है।
श्री मित्तल का जनहित के कार्यों के प्रति समर्पण अनुकरणीय नहीं प्रेरणास्रोत भी बना है। वह कोरोना महामारी के जानलेवा और भयावह दौर के बीच सेवा की मिसाल पेश कर रहे हैं। कोरोना पर काबू पाने के लिए उनका जज्बा और जुनून देखते ही बनता है।
उपायुक्त श्री मित्तल कोरोना पीड़ितों को हर संभव सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर दिखते हैं। कोरोना से पीड़ित मरीजों की दिक्कतें दूर करने के लिए वह खुद जुटे रहते हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवन रक्षक दवाओं की कमी न हो, इसके लिए वह खुद मॉनिटरिंग करते हैं। उन्होंने अपने मोबाइल नंबर को भी सार्वजनिक किया है।
उनका मानना है कि कोरोना संकट के बीच वर्तमान में हम सब भयाक्रांत हैं। लेकिन यह संकट भी जल्द ही दूर हो जाएगा। वह कहते हैं कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। इसे दूर करने के लिए सतर्कता बरतना जरूरी है। कोरोना के विरुद्ध डटकर खड़े हों और एक बार फिर इस महामारी पर काबू पाएं। आत्मानुशासन और स्वचेतना से हम कोरोना पर काबू पा सकते हैं।
गौरतलब है कि उपायुक्त के रूप में यह उनकी पहली पदस्थापना है इससे पूर्व वे अनुमंडल पदाधिकारी धनबाद, उपविकास आयुक्त सिमडेगा और रांची रह चुके हैं।