यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल ने जतायी खुशी, प्रधानाचार्या ने कार्यशाला के सफल आयोजन का श्रेय सभी सहयोगियों को दिया

यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल ने जतायी खुशी, प्रधानाचार्या ने कार्यशाला के सफल आयोजन का श्रेय सभी सहयोगियों को दिया

यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन पर प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल ने जतायी खुशी, प्रधानाचार्या ने कार्यशाला के सफल आयोजन का श्रेय सभी सहयोगियों को दिया

गया जी। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के सहयोग से 13 दिसंबर से 15 दिसंबर 2025 तक यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर चल रहे तीन दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन काइट (केआईईटी) ग्रुप अॉफ इन्स्टीट्यूशन, गाज़ियाबाद से पधारे मुख्य वक्ता प्रो आलोक कुमार पांडेय ने समाज, प्रकृति एवं अस्तित्व के अंतर्संबंधों पर बातचीत की। मानवीय लक्ष्यों की पूर्ति के लिए मानवीय व्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला। श्री पांडेय ने मानव के सुरक्षित अस्तित्व का मूल आधार सह-अस्तित्व को बताते हुए कहा कि अखंड मानवीय समाज के लिए प्रेम भाव की आवश्यकता है। सही समझ को विकसित करके ही व्यक्ति में विवेक की क्षमता विकसित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि धरती हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक देती है, लेकिन उसका सकारात्मक उपभोग सही समझ से ही किया जा सकता है। अपने लक्ष्य को पा चुके मनुष्यों को दूसरों को लक्ष्य तक पहुंचाने का प्रयत्न करना चाहिए। श्री पांडेय ने समृद्धि एवं अमीरी, स्नेह एवं प्रेम, भाव एवं आवेश, ममता एवं वात्सल्य, गौरव बोध एवं कृतज्ञता के मध्य स्थापित अंतर को विभिन्न उदाहरणों द्वारा समझाते हुए कहा कि जो लोग श्रेष्ठता के लिए प्रयास कर रहे हैं, उनके प्रति हमें गौरव का भाव रखना चाहिए; तथा जिन्होंने हमें श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयास किया है, उनके प्रति कृतज्ञता का भाव होना चाहिए। उन्होंने सुख और समृद्धि की निरंतर प्रप्ति को मानव जीवन का लक्ष्य बताते हुए सम्यक समझ और सही भाव को बहुत जरूरी बताया। बॉयो अॉर्डर, फिजिकल अॉर्डर, एनिमल अॉर्डर, एवं ह्यूमन अॉर्डर के चक्र को समझाया। मानव को सुखी अस्तित्व के लिए भोग उन्माद, लाभ उन्माद एवं काम उन्माद से बचने के लिए कहा।

यूनाइटेड ग्रुप अॉफ इन्स्टीट्यूशन, प्रयागराज से आये अॉबजर्वर प्रो मनी महेश के निर्देशानुसार समापन सत्र में प्रतिभागियों ने कार्यशाला से प्राप्त विशिष्ट अनुभवों एवं लाभों को परस्पर साझा किया। कार्यशाला की स्थानीय समन्वयक एवं प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल, कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. डॉ जावैद अशरफ़, डॉ शगुफ्ता अंसारी, वीकेएसयू से आये हिन्दी के प्राध्यापक डॉ नीलांबुज, प्रीति शेखर, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, डॉ जया चौधरी, डॉ प्रियंका कुमारी, डॉ प्यारे माँझी, डॉ सपना पांडे, डॉ वीणा कुमारी जायसवाल, डॉ अफशां नाहिद, डॉ रूही खातून, मोसन्ना जलाल ने सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित इस कार्यशाला को अन्य कार्यशालाओं से बिल्कुल ही अलग बताया। सभी ने कार्यशाला की संवादात्मकता, उपयोगिता, सार्वभौमिक आवश्यकता, रोचकता, एवं विशिष्टता की प्रशंसा की। कहा कि परिवार, समाज, एवं शिक्षण संस्थानों में संबंधों के कुशल निर्वाह एवं सही समझ के विकास में यूएचवी कार्यशालाएँ काफी सहयोगी सिद्ध होंगी।

कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल ने यूएचवी कार्यशालाओं में प्राप्त अपने पूर्व के अविस्मरणीय अनुभवों को साझा करते हुए एआईसीटीई के सहयोग से बिहार में दूसरी बार आयोजित इस कार्यशाला की सफलता को डेडिकेटेड टीम वर्क का परिणाम बताया। उन्होंने अत्यंत भावुक होते हुए कहा कि जीबीएम कॉलेज की टीम बड़ी अच्छी है। कार्यशाला के आयोजन की इच्छा प्रकट करते ही पूरा महाविद्यालय परिवार इस इच्छा को साकार रूप देने में जुट गया। डॉ पटेल ने कार्यशाला की सफलता का श्रेय कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाओं, शिक्षकेतर कर्मियों एवं स्टूडेंट वॉलेंटियर्स के समर्पित सामूहिक सहयोग को दिया। उन्होंने एफडीपी के आयोजन के लिए मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शशि प्रताप शाही द्वारा प्राप्त उत्साहवर्द्धन के प्रति भी आभार जताया। साथ ही, कार्यक्रम में पधारे एमयू के प्रशासनिक अधिकारियों एवं आमंत्रित अतिथियों के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की। डॉ पटेल ने कहा कि यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज पर आधारित कार्यशालाओं की उपयोगिता प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्राप्त कर लेने तक ही सीमित नहीं है,अपितु इसका लाभ हमें व्यक्तिगत, पारिवारिक, तथा सामाजिक जीवन में भी मिलने लगता है। वर्कशॉप में सीखी-समझी गयी मानवता हितैषी बातों एवं विचारों का लाभ छात्र-छात्राओं को भी मिले, इसके लिए कक्षाओं में प्रयत्न करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो.जावैद अशरफ़ ने भी कार्यशाला को अत्यंत रोचक तथा उपयोगी बतलाते हुए प्रधानाचार्या डॉ पटेल सहित समस्त महाविद्यालय परिवार को उनके प्रयासों के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

कार्यशाला में डॉ सहदेब बाउरी, डॉ शगुफ्ता अंसारी, डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, डॉ जया चौधरी, डॉ पूजा, डॉ पूजा राय, डॉ अमृता कुमारी घोष, डॉ फरहीन वज़ीरी, डॉ रुखसाना परवीन, डॉ बनीता कुमारी, डॉ कृति सिंह आनंद, डॉ नगमा शादाब, डॉ अनामिका कुमारी, डॉ प्रियंका कुमारी, प्रीति शेखर, डॉ प्यारे माँझी, डॉ शुचि सिन्हा, डॉ अफ्शां नाहिद, डॉ शबाना परवीन हुसैन, डॉ प्रमिला कुमारी, डॉ सीता, डॉ वीणा कुमारी जायसवाल, डॉ विजेता लाल, डॉ फातिमा, डॉ आशुतोश कुमार पांडेय, डॉ सुरबाला कृष्णा, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ नुद्रतुन निसां, डॉ दीपिका, डॉ सपना पांडेय, डॉ प्रियंका पांडेय, डॉ किरण कुमारी, डॉ गणेश प्रसाद, डॉ सीमा कुमारी, डॉ वीणा कुमारी, डॉ रानी कुमारी, डॉ रूही खातून, अभिषेक कुमार भोलू, अभिषेक कुमार, रौशन कुमार, नीरज कुमार, रेणु देवी, मोसन्ना जलाल, अजय कुमार, सुनील कुमार, अजीत कुमार, अजय कुमार, विक्रम कुमार, राजेश कुमार, उराँव, आनंद कुमार, विवेक कुमार, महेन्द्र कुमार, रंजीत कुमार, रीता देवी, मीरा देवी, सुरेन्द्र कुमार, एनएसएस एवं एनसीसी के स्टूडेंट वॉलेंटियर्स गीतांजलि, अनीषा, सिमरन, सोनाली, सेतु, शुभांगी आदि की उपस्थिति रही।