शब्दवीणा के मंच पर दो ग़ज़ल संकलनों "प्रतिरोध की ग़ज़लें' एवं 'नया ज़माना, नई ग़ज़लें' का हुआ भव्य लोकार्पण, द्वितीय सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में पढ़ी गयीं एक से बढ़कर एक रचनाएँ

शब्दवीणा के मंच पर दो ग़ज़ल संकलनों "प्रतिरोध की ग़ज़लें' एवं 'नया ज़माना, नई ग़ज़लें' का हुआ भव्य लोकार्पण, द्वितीय सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में पढ़ी गयीं एक से बढ़कर एक रचनाएँ

शब्दवीणा के मंच पर दो ग़ज़ल संकलनों "प्रतिरोध की ग़ज़लें' एवं 'नया ज़माना, नई ग़ज़लें' का हुआ भव्य लोकार्पण, द्वितीय सत्र में आयोजित कवि सम्मेलन में पढ़ी गयीं एक से बढ़कर एक रचनाएँ

गया जी। राष्ट्रीय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था 'शब्दवीणा' की पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति के तत्वावधान में शब्दवीणा पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष कवि रामनाथ बेख़बर द्वारा संपादित "प्रतिरोध की ग़ज़लें' एवं ओम प्रकाश नूर व जितेन्द्र जितांशु द्वारा संपादित 'नया ज़माना, नई ग़ज़लें' का लोकार्पण कोलकाता महानगर के प्रतिष्ठित बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय में लोकार्पण विभूति गोखले गर्ल्स कॉलेज कोलकाता की हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. रेशमी पांडा मुखर्जी, मुख्य अतिथि कुमारसभा पुस्तकालय के अध्यक्ष एवं शब्दवीणा के राष्ट्रीय संरक्षक महावीर बजाज, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शब्दवीणा के राष्ट्रीय परामर्शदाता एवं पश्चिम बंगाल प्रदेश संरक्षक पुरुषोत्तम तिवारी, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार, लेखक व समीक्षक डॉ हृदय नारायण सिंह अभिज्ञात, शब्दवीणा पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष राम नाथ बेखबर, प्रदेश उपाध्यक्ष हीरा लाल साव, प्रदेश सचिव रामपुकार सिंह, प्रदेश साहित्य मंत्री ज्ञान प्रकाश पांडेय, प्रदेश कोषाध्यक्ष रामाकांत सिन्हा, जितेन्द्र जितांशु, देवेश मिश्र सहित सभी मंचासीन गणमान्य अतिथियों के करकमलों द्वारा सामूहिक रूप से किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ रामाकांत सिन्हा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना तथा हिमाद्रि मिश्रा द्वारा प्रस्तुत सुमधुर शब्दवीणा गीत से हुआ। कार्यक्रम का संचालन कर रहे युवा कवि देवेश मिश्र ने शब्दवीणा के ध्येय वाक्य 'उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम" पर प्रकाश डाला। अतिथियों का स्वागत शाल ओढ़ाकर तथा स्मारिका स्वरूप स्वामी विवेकानंद, राधाकृष्ण एवं भगवान जगन्नाथ का छायाचित्र भेंट करके किया गया। अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि महावीर बजाज ने शब्दवीणा की संस्थापक एवंं राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व में गठित शब्दवीणा की राष्ट्रीय समिति, विभिन्न प्रदेश एवं जिला समितियों की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सक्रियता की प्रशंसा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में शब्दवीणा की गूंज पूरे भारतवर्ष में सुनने को मिलेगी। श्री बजाज ने हिन्दी और हिन्दुस्तान की सेवार्थ शब्दवीणा को यथासंभव सहयोग देने की बात कही। शब्दवीणा के राष्ट्रीय संयोजक कौशल किशोर त्रिवेदी, राष्ट्रीय परामर्शदाता प्रदीप शुक्ल एवं पुरुषोत्तम तिवारी ने शब्दवीणा पश्चिम बंगाल प्रदेश समिति को इस अविस्मरणीय साहित्यिक शुभारंभ के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं। स्वागत वक्तव्य में प्रदेश अध्यक्ष राम नाथ बेखबर ने शब्दवीणा के लिए सभी अतिथियों से आशीर्वाद एवं सहयोग की कामना की। लोकार्पण विभूति प्रो. रेशमी पांडा मुखर्जी एवं समीक्षक डॉ अभिज्ञात ने "प्रतिरोध की ग़जलों" एवं "नया ज़माना नई ग़जलों" को ग़ज़लों का प्रशंसनीय संकलन बतलाते हुए शब्दवीणा के उज्ज्वल भविष्य हेतु मंगलकामना की। धन्यवाद ज्ञापन रामपुकार सिंह ने किया। उन्होंने घोषणा की कि अब माह के हर तीसरे सप्ताह शब्दवीणा द्वारा कम से कम एक साहित्यिक आयोजन अनिवार्य रूप से किया जायेगा।

पुस्तक लोकार्पण सत्र के उपरांत आयोजित काव्य सत्र में राम नाथ बेखबर, हीरालाल साव, रामपुकार सिंह, ज्ञान प्रकाश पांडेय, रामाकांत सिन्हा, नंदलाल रौशन,संजीव दुबे, डॉ अभिज्ञात, मौसमी प्रसाद, हिमाद्रि मिश्रा, डॉ जनार्दन प्रसाद मिश्र, रंजीत भारती, डॉ राजन शर्मा, डॉ शाहिद फ़रोगी, मीनाक्षी सांगानेरिया, डॉ जयप्रकाश मिश्र, मनोज राजेन्द्र मिश्र, चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय अनुरागी ने एक से बढ़कर एक स्वरचित गीत, ग़ज़ल, दोहे, मुक्तक एवं छंद प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में प्रो रंजीत संकल्प, सर्वेश कुमार राय, डॉ कमल कुमार, सत्य प्रकाश दुबे,सकलदेव पासवान, अरुण सिंह, दीपंकर सोनकर, कृष्णा नंद मिश्र, शिव शंकर जायसवाल, मोहन तिवारी, पुनीत अग्रवाल, सुमित जाना, विनोद यादव, अर्चित यादव की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण फेसबुक पर शब्दवीणा केन्द्रीय पेज से किया गया, जिससे जुड़कर डॉ रश्मि प्रियदर्शनी, महावीर सिंह वीर, वंदना चौधरी, प्रो सुबोध कुमार झा, पी. के. मोहन, डॉ रवि प्रकाश, आनंद कुमार त्रिपाठी, सुरेश विद्यार्थी, डॉ गोपाल निर्दोष, पंकज मिश्र, नंद किशोर जोशी, महेश चंद्र शर्मा राज, दीपक कुमार, ललित शंकर, ज्ञानेन्द्र शर्मा ज्ञान, फतेहपाल सिंह सारंग, प्रो. सुनील कुमार उपाध्याय, अनुराग दीक्षित, सुमित मानधना, जैनेन्द्र कुमार मालवीय,ए. नफ़ीस, सरोज कुमार सहित हजारों श्रोतागण ने कार्यक्रम का आनंद उठाया।