राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई छोड़कर दल के लोग दलदल में फसते नजर आ रहे है, राजनीतिक सभा अमर्यादित भाषा का बना प्रतीक:-अनंत धीश अमन
राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई छोड़कर दल के लोग दलदल में फसते नजर आ रहे है, राजनीतिक सभा अमर्यादित भाषा का बना प्रतीक:-अनंत धीश अमन

गया जी । राजनीतिक सभा अमर्यादित भाषा का प्रतीक बन चुका है जो की विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को धूमिल करता है और इसकी जवाबदेही कोई भी नहीं लेता है जो बेहद हीं दुर्भाग्यपूर्ण है। समाज भी धीरे-धीरे इस पर प्रतिक्रिया करना बंद कर दिया है जिसका परिणाम आगे चलकर और भी दुर्भाग्यपूर्ण होगा। राजनीतिक विचारधारा की लड़ाई छोड़कर दल के लोग दलदल में फसते नजर आते हैं और यह दलदल सभ्य लोकतंत्र के लिए बेहद हीं घातक है। बिहार जो लोकतंत्र की जननी है और जहां गुरु के अपमान के कारण धनानंद का साम्राज्य खत्म हो गया उस बिहार की धरती पर यदि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माता का अपमान होता है या किसी और के भी बहन माता का अपमान होता है तो हम सभी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत के लोगों को ऐसे व्यक्ति और सभा को प्रतीकात्मक रूप से बहिष्कार कर सभ्य लोकतंत्र के अस्तित्व को बचाने का प्रयास करना चाहिए खासकर बिहार के लोगों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वह एक सभ्य लोकतंत्र के अस्तित्व को बचाने की सुरक्षित करने की भूमिका में प्रखर भूमिका निभाए।