कंबोडिया और मलेशिया से झारखंड में साइबर क्राइम ऑपरेट होता है , युवाओं को विदेश में दी जा रही ट्रेनिंग

झारखंड में साइबर क्राइम के लिए कंबोडिया से मानव तस्कर गैंग चला रहा है। अच्छी सैलरी का लालच देकर युवाओं को भेजा जा रहा है विदेश। जेल जाने से पहले आरोपी वसीम खान और यमुना कुमार ने पुलिस टीम को बताया है कि एक बेरोजगार युवा को कंबोडिया, थाईलैंड और दुबई भेजने के एवज में उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपए तक का लालच दिया जाता है।

कंबोडिया और मलेशिया से झारखंड में साइबर क्राइम ऑपरेट होता है , युवाओं को विदेश में दी जा रही ट्रेनिंग

झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बड़ा खुलासा किया है। साइबर क्राइम के लिए मानव तस्करी करने वाले गैंग की जांच के क्रम में पुलिस पता चला है कि गिरोह का सरगना उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का रहने वाला है, लेकिन अभी फ़िलहाल वह कंबोडिया और मलेशिया से अपने नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा है। वह विदेश में बैठकर झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार में फैले गैंग के गुर्गों को निर्देश देता है।

पुलिस की जांच में पता चला है कि मानव तस्कर गिरोह का कंबोडिया और थाईलैंड में स्कैम सेंटर है। वहां सारी तकनीकी सुविधाएं हैं। भारत से जाने वाले युवाओं को एक स्थान पर रखा जाता है। वहां निजी सिक्योरिटी भी है। 

एक दर्जन से अधिक युवाओं को विदेश भेज चुका है 

अब तक बिहार-झारखंड के एक दर्जन से अधिक युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेश भेज चुका है। जेल जाने से पहले आरोपी वसीम खान और यमुना कुमार ने टीम को बताया है कि एक बेरोजगार युवा को कंबोडिया, थाईलैंड, दुबई भेजने के एवज में सरगना उन्हें 50 हजार से एक लाख रुपए देता है। 

विदेश में साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दी जाती है 

विदेश पहुंचते ही युवाओं का पासपोर्ट और वीजा को जब्त कर लिया जाता है। साइबर क्राइम करने का तरीका उन्हें सिखाया जाता है। इसका विरोध करने वाले युवाओं को प्रताड़ित भी किया जाता है। आरोपियों ने टीम को यह भी जानकारी दी कि झारखंड और बिहार में गिरोह के आधा दर्जन से ज्यादा सदस्य हैं। इधर, क्राइम ब्रांच की टीम गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।

फर्जी विज्ञापन के ज़रिए मोटे वेतन का झाँसा 

गिरोह के गुर्गे सोशल मीडिया में विदेश में कॉल सेंटर में नौकरी देने के नाम पर फर्जी विज्ञापन निकालते हैं। संपर्क करने वाले युवाओं को 50 हजार से अधिक वेतन समेत अन्य सुविधा का झांसा देते हैं। इसके झांसे में आने वालों को कन्विंस किया जाता है, फिर इसके बाद टिकट-वीजा के लिए दो से ढाई लाख रुपए लेते हैं।