बिहार की वोटर लिस्ट में दो पाक महिला (फिरदौसिया और इमराना) के नाम, दोनों ने हर चुनाव में वोट किया, अब नाम हटाने की प्रकिया शुरू
गृह मंत्रालय ने जारी किया निर्देश। गृह मंत्रालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही प्रारंभ की। वीजा उल्लंघन मामले पर दोनों पर हो सकती कार्यवाही , पाक भेजे जा सकते हैं।

बिहार के भागलपुर जिले में दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम मतदाता सूची में पाए गए हैं। मतदाता गहन पुनरीक्षण के दौरान दो पाक महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट में मिले हैं। खास बात यह है कि दोनों के पास आधार और वोटर आईडी कार्ड भी हैं। मामला सामने आने के बाद चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने उनके नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने भागलपुर प्रशासन से इसकी विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है।
बता दें, कि यह गड़बड़ी बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान सामने आयी है।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर भागलपुर की दो पाक महिलाओं का वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रकिया बीएलओ द्वारा शुरू कर दिया गया है।
इशाकचक थाना अंतर्गत भीखनपुर वार्ड नंबर 34 की निवासी और 268 नंबर बूथ की बीएलओ फरजाना खातून द्वारा फार्म -7 भरने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है।
पाकिस्तानी महिला इमराना खातून और फिरदौसिया खातून के नाम काटने की प्रक्रिया चल रही है।
बीएलओ के अनुसार, गृह विभाग से निर्देश मिलने के बाद उक्त मामले का सत्यापन किया गया था। इमराना खातून का पासपोर्ट व वीजा नंबर है। और एपिक नंबर भी है। नाम काटने की प्रक्रिया जारी है। इपिक नंबर को रद्द कर दिया गया है।
इधर फिरदौसिया खानम उर्फ फिरदौसिया खातून के पुत्र मो गुलरेज ने बताया कि बीएलओ को हमने 11 दस्तावेज दिए हैं। मेरी मां की उम्र करीब 80 साल है। वह कई बार वोट डाल चुकी है।
गौर हो कि गृह मंत्रालय की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि भीखनपुर के टैंक लेन में इमराना खानम उर्फ इमराना खातून,पति इबतुल हसन और फिरदौसिया खातून, पति मो. तफजील अहमद के नाम से मतदाता पहचान पत्र बनाया गया है। जिला प्रशासन के पास दोनों का एपिक नंबर भी है।
जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि रंगपुर निवासी फिरदौसिया 19 जनवरी 1956 को 3 माह के वीजे पर भारत आयी थी।
वहीं इमराना 3 साल के लिए वीजा पर भारत आयी थी। लेकिन दोनों महिला वापस अपने देश नहीं लौटी। और लंबे समय से बिना वीजा नवीनीकरण के दोनों महिला अवैध रूप से भागलपुर में रह रही थी।
इधर गृह मंत्रालय द्वारा जब विदेश विभाग के पासपोर्ट आफिस से अधतनत रिपोर्ट लिया तो इमराना और फिरदौसिया के भागलपुर में रहने की जानकारी मिली।
भागलपुर के डीएम डा. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि गृह विभाग के सूचना के आलोक पर इन महिलाओं का नाम वोटर लिस्ट में पाया गया था। बीएलओ ने सत्यापन के बाद पाया कि दोनों महिलाओं के पास दूसरे देश का पासपोर्ट है। इसके बाद दोनों विदेशी महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रकिया शुरू कर दी गयी है। ताकि चुनाव से पूर्व इस गड़बड़ी को ठीक किया जा सके।
कौन हैं पाकिस्तान की ये महिलाएं ?
जिले के रिकॉर्ड के अनुसार, ये दोनों महिलाएं भागलपुर के भीखनपुर मोहल्ले के टैंक लेन, गुमटी नंबर-3 में रहती हैं। एक का नाम इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति मोहम्मद इब्तुल हसन है तो दूसरी का नाम फिरदौसिया खानम, पति मोहम्मद तफजील अहमद है। दोनों मूल रूप से पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खुशाब जिले के रंगपुर गांव की रहने वाली हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोनों ने पहले भी चुनावों में वोट डाला था।
फिरदौसिया और इमराना कब और कैसे आयी भारत?
फिरदौसिया जनवरी 1956 में तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं। इमराना भी उसी साल तीन साल के वीजा पर भारत पहुंचीं। दोनों का वीजा खत्म होने के बाद वे अवैध रूप से रुक गईं और भूमिगत हो गईं। इसके बाद स्थानीय लोगों से दोनों ने शादी की और बाद में आधार व मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया। इमराना का पति बांका के कैथा टीकर स्थित मदरसे में शिक्षक की नौकरी करता था। उसने इमराना को बहरपुरा स्थित उर्दू मवि में शिक्षक की नौकरी लगवा दिया। यहां इमराना खानम ने इमराना खातून के तौर पर शिक्षक की नौकरी ज्वाइन किया। और इस दौरान उसने अपना वीजा अवधि का विस्तार नहीं करवाया। इस बीच 2018 में इमराना के पति का देहांत हो गया।
हर चुनाव में दोनों ने मतदान भी किया।
मामला कैसे पकड़ा गया?
1 अगस्त को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशित होने के बाद यह अनियमितता सामने आई। इसके बाद चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय ने भागलपुर डीएम, एसएसपी और चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी।
भागलपुर के डीएम सह-जिला निर्वाचन पदाधिकारी डा नवल किशोर चौधरी द्वारा कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। और इनके नाम हटाने के लिए ECI के फॉर्म-7 भरे गए हैं। मामले की और जांच चल रही है।'
केंद्रीय एजेंसियों की चिंता
सूत्रों के मुताबिक यह मामला उस व्यापक पैटर्न से जुड़ा है। जिस पर केंद्रीय एजेंसियां पहले से चिंतित हैं। खुफिया रिपोर्ट्स में चेतावनी दी गई थी कि विदेशी नागरिक वीजा अवधि से ज्यादा रुक रहे हैं और भारतीय दस्तावेज हासिल कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार मतदाता गहन पुनरीक्षण SIR 2025 के बाद यह अभियान ऐसे अवैध रूप से रहने वालों की पहचान करने और बाहर निकालने के लिए चलाया जा रहा है।