बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होते ही सियासत गरमा गई

बिहार मदरसा शिक्षा बोर्ड शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होते ही सियासत गरमा गई

जहां एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियां समाज को खुश करने में लगी हुई है तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यक समाज को अपने पाले में खींचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में समाज किस करवट बैठेगी यह समय बताएगा।

राजद ने मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम को लेकर मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोलते हुए राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा - नीतीश कुमार मुस्लिम समाज से किस बात को लेकर संवाद कर रहे हैं? चूँकि वह भाजपा के साथ खड़े हैं इसलिए संवाद कर रहे हैं। वक्फ़ बिल को लेकर भाजपा के साथ जदयू खड़ी थी, तब अल्पसंख्यक के बारे में इनको याद नहीं आई।  CAA के साथ भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा का साथ दे रहे थे। तीन तलाक में भी नीतीश कुमार साथ दे रहे थे। अब शताब्दी समारोह में पहुंचकर अल्पसंख्यकों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अल्पसंख्यक समाज सब जानती है कि जेडीयू सांप्रदायिक पार्टी बीजेपी के साथ खड़ी है। अल्पसंख्यक समाज के लोग अपने डिमांड को लेकर आए थे, अब वहां आप राजनीति करेंगे तो समाज में विरोध बढ़ता है।

वहीं कांग्रेस ने भी इस कार्यक्रम को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोलते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह के कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे। अल्पसंख्यक समाज की कल्याण की बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करते हैं। उनके वेलफेयर कमेटी की बात करते हैं। यह बात अल्पसंख्यक शिक्षक समाज को भी पता चल गई है कि ना उनका वेतन मिल रहा है ना कब्रिस्तान की घेराबंदी के बारे में जो वादा किया था उसका भी घेराबंदी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। नीतीश कुमार  कितना भी मुस्लिम प्रेम दिखा लें, लेकिन सच्चाई अब दिखने लगा है, सच तो सच होता है वह छुप नहीं सकता है।

इसको लेकर नीतीश कुमार का बचाव करते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शताब्दी समारोह में पहुंचे थे। मुस्लिम समुदाय ने बड़ी संख्या में बापू सभागार में भाग लेने का काम किया है, जो यह बताता है की कितनी लोकप्रियता है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की। जिस प्रकार से एनडीए ने अल्पसंख्यक समाज के लिए काम किया है। 2005 से पहले अल्पसंख्यक समाज के लिए कोई काम नहीं होता था और इतना ही नहीं उनको धमका के भी रखा जाता था और उनसे वोट लिया जाता था। उनको डर दिखाकर उनसे वोट छीन लिया जाता था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक समाज के लिए जितना काम किया है उतना किसी ने नहीं किया है। चाहे मदरसा बोर्ड के शिक्षकों के वेतन देने का काम हो या नौकरियां में उनकी भागीदारी को लेकर हो। अल्पसंख्यक समाज ने इतनी संख्या में आकर यह बता दिया है कि वह एकजुट होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ देंगे।

मदरसा बोर्ड सम्मेलन पर राजद ने साधा निशाना 

मदरसा बोर्ड सम्मेलन और अल्पसंख्यक संवाद पर निशाना साधा राजद के विधान पार्षद कारी शोएब ने निशाना साधा। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा की फर्जी सौ साल मदरसा बोर्ड का जलसा मनाया गया, बिहार के लोगो से खिलवाड़ किया जा रहा है, जबकि 2022 मे हि सौ साल हो गये थे। धमकी देकर भीड़ लाया गया। जदयू बीजेपी का कार्यक्रम था जिसमें मदरसा के शिक्षकों को डरा धमका कर लाया गया। लोगो ने इस बात को लेकर हंगामा किया था की उनको झूठ बोल कर लाया गया।

शोएब ने कहा कि मुख्य मंत्री अचेत हैं। मदरसा बोर्ड के जलसे मे एक लाइन भी नही बोले। मदरसा शिक्षकों पर अगर वो बोलेंगे तो आरएसएस नाराज हो जायेगा। मदरसा बोर्ड के जो चेयरमेन है उनको जवाब देना चाहिए की मदरसा के शिक्षकों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से बात क्यों नही की। 125 मदरसों के शिक्षकों का वेतन बंद है इसपर क्या बात हुई है। 1646 मदरसों के साथ अन्याय हो रहा है जाँच के नाम पर उन्हें परेशान किया जाता है।